करवा चौथ हिन्दुओ का प्रमुख त्योहार माना जाता है
यह भारत के कई प्रदेशो में मनाया जाता है
हिन्दू महिलाये इस दिन पुरे दिन निर्जल व्रत रहती है
और रात चाँद निकलने के बाद ही पानी पीती है
करवा चौथ का पूजा चाँद के बिना अधुरा माना जाता है
क्योकि महिलाये चाँद देखने के बाद ही व्रत तोड़ती है
इस बार करवा चौथ 1 नवम्बर को मनाया जाएगा उस
दिन महिलाये चाँद का बेसब्री से इंतजार करेंगी
करवा के बिना करवा चौथ की पूजा अधूरी मानी
जाती है इसलिए करवा बहुत जरूरी है
करवा चौथ पूजा में लगने वाली सामग्री करवा, बढ़नी, मटकी, अगरबत्ती,
फुल,चलनी, शुद्ध घी, चुनरी, कपूर और महिओं का सोलह श्रृंगार भी रहता है
करवा में शुद्ध जल भरकर रख ले और उसके बगल में छोटी मटकी में गेहू या चावल भरकर
ढक्कन से ढक ले और उसके ढक्कन में चावल भरके उस पर दीपक जलाकर रख दे
करवा चौथ का व्रत खोलने के लिए एक थाली में दीपक, रोली, मिठाई,
सिंदूर,अक्षत, कुमकुम और एक लोटा पानी रख ले
पूजा ख़तम होने के बाद चाँद को चलनी से देखकर अर्ध्य देते है उसके बाद
अपने पति के हांथो से पानी पीकर व्रत तोड़ते है