चंद्रयान-2 असफल होने के करीब 4 साल की कड़ी मेहनत
के बाद चंद्रयान-3 भारत अंतरिक्ष विज्ञान में इतिहास रचाने वाला है
इसरो के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ का
चंद्रयान-3 में बहुत बड़ा योगदान रहा है
चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी विरमुथुवेल ने 2019 में परियोजना
निदेशक के रूप में कर्यभाल संभाला ये IIT मद्रास के पूर्व छात्र है
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एयरोस्पेस
इंजीनियर डॉ उन्नीकृष्णन रॉकेट के विकाश और निर्माण के निदेशक है
चंद्रयान-3 मिशन की डिप्टी डायरेक्टर कल्पना के उन्होंने
मून मिशन का सपना नहीं छोड़ा और आज सफलता प्राप्त हुई
डॉ एम वनिता सैटेलाइट सेंटर में चंद्रयान-3 की डिप्टी प्रोजेक्ट
डायरेक्टर है ये चंद्रयान-2 में भी प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुकी है
यू आर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक एम शंकरन ने जून
2021 में युआरएससी) में निदेशक की भूमिका निभाई है
वैज्ञानिको की कड़ी मेहनत की वजह से आज भारत चाँद पर
ऐसी जगह पर पहुच गया है जहा कोई नहीं पंहुच पाया है